पहले दिखानी होगी रिपोर्ट फिर मिलेगी कंपनी में एंट्री
नोएडा। कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे से निपटने के लिए मल्टीनेशनल कंपनियां और ज्यादा सतर्क हो गई हैं। नोएडा में बढ़ रहे मामलों को देखते हुए इन कंपनियों में बाहरी लोगों के प्रवेश पर पूरी तरह प्रतिबंध लगा दिया गया है। विदेश यात्रा पर गए अधिकारियों-कर्मचारियों के लौटने पर 14 दिन के लिए स्वास्थ्य विभाग निगरानी में रख रहा है, लेकिन जांच रिपोर्ट देखने के बाद ही इन्हें कंपनियों में प्रवेश दिया जाएगा।
जिले में बुधवार को कोरोना वायरस के पॉजिटिव मामलों की संख्या बढ़कर चार हो गई है। स्वास्थ्य विभाग 200 से ज्यादा लोगों के सैंपल ले चुका है, जबकि करीब 1100 लोगों को निगरानी पर रखा गया है। अधिकांश संदिग्ध मरीज ऐसे हैं जो विदेश यात्रा से लौटकर आए हैं। हालांकि, नोएडा की कई छोटी-बड़ी कंपनियों ने कोरोना से बचाव के लिए अपने स्तर पर तैयारियां की हैं, लेकिन मल्टीनेशनल कंपनियों की तरफ से विशेष एहतियात बरती जा रही है। ग्रेटर नोएडा इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के अध्यक्ष आदित्य घिल्डियाल ने बताया कि नोएडा-ग्रेटर नोएडा की लगभग 300 कंपनियों को गाइडलाइन जारी की गई है। ज्यादातर कंपनियों में विजिटर्स की एंट्री पूरी तरह प्रतिबंधित कर दी गई है। विदेश से आने वाले अधिकारियों-कर्मचारियों के प्रवेश पर 14 दिन के लिए रोक लगा दी गई है। बिना जांच रिपोर्ट का आंकलन किए विदेश से लौटने वाले किसी भी कर्मी को कंपनी में प्रवेश नहीं दिया जाएगा। बायोमैट्रिक हाजिरी पर लगभग सभी कंपनियों ने रोक लगा दी है। चतुर्थ श्रेणी से लेकर अधिकारियों तक का हेल्थ रजिस्टर मेंटेन किया जा रहा है। प्रत्येक चार घंटे के अंतराल पर कंपनियों को सैनिटाइज किया जा रहा है। कर्मचारियों को लाने ले जाने वाली बसों को सुबह-शाम सैनिटाइज किया जा रहा है।
आईटी कंपनियों के 60 फीसदी कर्मचारी घर से कर रहे काम
नोएडा में करीब 550 आईटी कंपनियां हैं। कोरोना के प्रकोप को देखते हुए इन सभी कंपनियों में घर से काम का विकल्प अपनाया गया है। एचसीएल टेक्नोलॉजी, एचसीएल इंफोसिस्टम, एनआईआईटी टेक् नोलॉजी, एडोब, ईएक्सएल सहित कई कंपनियों के परिसर इन दिनों सूने दिखाई दे रहे हैं। आईआईए नोएडा चैप्टर के चेयरमैन कुलमणि गुप्ता ने बताया कि लगभग 2.5 लाख लोग नोएडा-ग्रेटर नोएडा की आईटी कंपनियों से जुड़े हैं। लगभग 60 फीसदी कर्मचारी इन दिनों घर से काम कर रहे हैं। राज्य सरकार की तरफ से भी ऐसा करने की सलाह दी गई है। हालांकि, आईटी सेक्टर को ऐसा करने से फिलहाल किसी तरह की दिक्कतों का सामना नहीं करना पड़ रहा है। जरूरी स्टाफ ही ऑफिस आकर काम कर रहा है।